ऑप्शन ग्रीक्स को समझने के लिए पहले हमें ये जानना होगा कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी और इसका उपयोग कहां होता है। जैसा कि हम जानते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग के दो महत्वपूर्ण कारक हैं। पहला स्टॉक प्राइस और दूसरा स्टॉक का फ्यूचर प्राइस।
एक उदाहरण देखते हैं –
हम HDFC Bank का स्टॉक लेते हैं, जिसका करेंट प्राइस ₹1681 है और इसका फ़्यूचर प्राइस ₹1689 चल रहा है। आज की तारीख 19 Oct 2024 है और HDFC BANK के फ्यूचर की एक्सपायरी 31 Oct 2024 को होगी। 31 Oct को मार्केट क्लोजिंग के समय HDFC Bank के स्टॉक की जो प्राइस होगी वही HDFC Bank के फ्यूचर की भी होगी।
हम ऑप्शन चैन फ्यूचर एक्सपायरी का देखते हैं, जिससे हमें अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन का प्रीमियम (प्राइस) दिखता है जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं।
यदि स्टॉक का प्राइस ₹1 बढ़ता है तो ऑप्शन के प्राइस में क्या बदलाव आता है।
ऑप्शन ग्रीक्स का उपयोग यही जानने के लिए होता है कि स्टॉक के प्राइस जो बदलाव हो रहा या स्टॉक का प्राइस स्थिर है उस स्थिति में ऑप्शन के प्राइस क्या बदलाव आएगा। ऑप्शन ग्रीक्स स्टॉक के प्राइस और फ्यूचर के प्राइस में होने वाले बदलावों का ऑप्शन के प्राइस पर क्या प्रभाव होगा, इसका कैलकुलेशन करता है।
ऑप्शन ग्रीक्स के महत्वपूर्ण कारक :
ऑप्शन ग्रीक्स के पांच महत्वपूर्ण कारक है जिनका उपयोग करके ऑप्शन के प्राइस में होने वाले बदलावों को प्रदर्शित किया जाता है।
- डेल्टा (Delta) – यह निर्धारित करता है कि इंडेक्स के प्राइस में प्रति प्वाइंट बदलाव का ऑप्शन के प्राइस में क्या बदलाव होगा। कॉल ऑप्शन का डेल्टा पॉजिटिव (0 – 1) होता है। पुट ऑप्शन का डेल्टा निगेटिव होता है।
- गामा (Gama) – यह डेल्टा में होने वाले बदलाव को मापता है। स्टॉक प्राइस में होने वाले उल्लेखनीय बदलाव से गामा कैलकुलेट करता है कि डेल्टा में कितना बदलाव होगा। हम यह कह सकते है कि गामा, स्टॉक प्राइस में होने वाले बदलाव से डेल्टा में क्या बदलाव होगा यह दर्शाता है।
- थीटा (Theta) – यह हमेशा निगेटिव होता है। ऑप्शन में टाइम डीके को मेजर करता है। साधारण शब्दों में प्रतिदिन ऑप्शन का प्रीमियम कितना कम होगा, यह हमें थीटा से पता चलता है। एक्सपायरी के नजदीक होने पर थीटा तेजी से बढ़ता है ।
- वेगा (Vega) – वेगा ऑप्शन की सेंसविटी और इंप्लाइड वोलैटिलिटी को मापता है। जब वोलैटिलिटी अधिक होती है तो ऑप्शन प्राइस भी अधिक होगा।
- रो (RHO) – यह इंटरेस्ट रेट में होने वाले बदलाव का ऑप्शन प्राइस में क्या बदलाव होगा।
जैसा कि आप उपर दिए गए चित्र में देख सकते हैं। स्ट्राइक प्राइस 1750 मे डेल्टा की वैल्यू 0.55 है। इसका मतलब अगर स्टॉक की प्राइस ₹ 1 बढ़ता है तो ऑप्शन के प्रीमियम मे 0.55 पैसे की बढ़त होगी।
ऑप्शन ग्रीक्स पांच महत्वपूर्ण तथ्य हैं। इनका हम ऑप्शन ट्रेडिंग में कैसे उपयोग कर सकते हैं? यह अगले ब्लॉग में डिटेल्स से बताने की कोशी करूंगा।