ऑप्शन ट्रेडिंग साइकोलॉजी को समझने के लिए ट्रेडर को सबसे पहले स्वयं को समझना पड़ता है। ऑप्शन ट्रेडिंग जंगल में शिकार पर निकलने जैसा है। शिकार के समय स्वयं पे संयम रखना और अनुशासन में रहना बहुत जरूरी है।
यदि आप हर आहट पे गोली चलाना शुरू करेंगे तो आपकी गोलियां जल्दी खत्म हो जाएंगी। आपके शिकारी की जगह शिकार बनने की संभावना बढ़ जाएगी। ट्रेडिंग के जंगल में आपके दुश्मन अदृश्य हैं, वो कभी भी किसी भी तरफ से आ सकते हैं। इसलिए आपको अपने चारों तरफ ध्यान रखना होगा।
ऑप्शन ट्रेडिंग साइकोलॉजी के महत्वपूर्ण तथ्य :
इसे व्यापारिक दृष्टि से देखें:
मैने देखा है कि ऑप्शन को अधिकतर लोग खेल और सट्टे की दृष्टि से देखते हैं। यह एक मुख्य कारण है जो 90% प्रतिशत लोग ऑप्शन में हानि उठाते हैं। यह एक पूर्णरूप से गणितीय व्यवसाय है जिसमें ज्यादा पैसे लगाने वाले को कुछ अधिक लेवरेज दी जाती है किंतु उसका लाभ सीमित है और कम पैसे लगाने वाले के जोख़िम अधिक होते हैं किंतु उसका लाभ असीमित है।
पूर्वाग्रहित राय ना बनाए :
एक दिन मेरे एक मित्र मुझसे मिलने आए, मार्केट ओपनिंग का समय था। उन्होंने मुझसे कहा कि आज तो मार्केट नीचे गिरेगी और प्रीओपन मार्केट में हुआ भी वही।निफ्टी 130 प्वाइंट और बैंकनिफ्टी 380 प्वाइंट गैप डाउन ओपन हुई। आगे उन्होंने कहा कि आज निफ्टी 250 प्वाइंट और बैंकनिफ्टी 600 प्वाइंट डाउन जाएगी।
लेकिन अगले एक घंटे में दोनों इंडेक्स पॉजिटिव पे थे। अब मेरे मित्र के पास कहने को कुछ नहीं था। जब आप पहले से कोई राय बना लेते हैं। उस राय के विरुद्ध होने वाले क्रिया कलापों पर आपका ध्यान ही नहीं जाता है। आप मार्केट में ट्रैप हो जाते हैं, जैसा कि मेरे मित्र के साथ हुआ।
ये ठीक उसी तरह से होता है जैसे आपकी आँखें कही और देख रही हों और आपका ध्यान कहीं और हो। इस परिस्थिति में आपकी आँखें देखते हुए भी कुछ नहीं देख पाती।
पछतावे से बचें:
आप एक ट्रेड लेते हैं और आप उसमें आपका स्टॉप लॉस हिट होता है।आप हानि उठाते हैं तो उसे स्वीकार करें। अपनी की हुई गलतियों को समझने की कोशिश करें। बस उसको पछतावे की नजर से नहीं, सीखने की दृष्टिकोण से देखें। एक सफल ट्रेडर ट्रेड लेने से पहले सोचता है, ट्रेड के बाद होने वाले नतीजों पे पश्चाताप नही करता। जैसे कि मैने पहले ही कहा है कि यह एक बिजनेस है। बिजनेस में लाभ – हानि तो चलता रहता है।
इनफ्लुएंस होने से खुद को बचाएं :
यह एक बहुत महत्वपूर्ण साइकोलॉजिकल तथ्य है। आप मार्केट के करेंट सिचुएशन और ट्रेंड को देखिए और समझिए। ट्रेडर को चाहिए कि वह किसी के प्रभाव आए बिना अपने तर्क और बुद्धिमत्ता से अपनी ट्रेड को एग्जीक्यूटिव करिए। जब आप किसी के प्रभाव मे आकर ट्रेड करते हैं तो आप सभी तथ्यों पे ध्यान नहीं देते। ट्रेडिंग में कोई भी शत – प्रतिशत सही नहीं होता है। जो ये कह रहा है वो झूठ बोल रहा है।
रिस्क मैनेजमेंट
किसी भी ट्रेड को एक्जीक्यूट करने से पहले यदि आप स्वयं से ये तीन सवाल पूंछ ले तो बेहतर होगा। पहला यह कि आप ये ट्रेड क्यों ले रहे है? दूसरा सवाल यह होना चाहिए कि आपका इस ट्रेड में संभावित हानि क्या होगी? मतलब आपका स्टॉप लॉस क्या होगा? और आखिरी सवाल संभावित लाभ क्या होगा? यह सुनिश्चित करें कि आपका रिस्क – रिवॉर्ड का अनुपात 1:2 से कम नहीं होना चाहिए।